
Fortis Hospital: युवाओं में बढ़ रहे स्ट्रोक के खतरे के प्रति जागरूता लाने के लिए नोएडा के फोर्टिस अस्पताल में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। इस मौके पर चिकित्सा विशेषज्ञों और मरीजों ने पत्रकारों को यथास्थिति से अवगत कराया।
Fortis Hospital: स्ट्रोक मृत्यु का एक प्रमुख कारण
इंफोपोस्ट न्यूज
Fortis Hospital: स्ट्रोक के बारे में यह कहा जाता था कि यह बुजुर्गों को अपना शिकार बनता है, लेकिन हाल के मेडिकल ट्रेंड देखें तो युवा पीढ़ी भी तेजी से इसकी गिरफ्त में आ रही है। दुनियाभर में स्ट्रोक को मृत्यु का एक प्रमुख कारण माना जाता रहा है और पिछले एक-दो दशकों में भारत में इसके मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में हर साल 1.5 करोड़ से अधिक लोगों को स्ट्रोक होता है। जिसमें से 50 लाख से अधिक की मौत हो जाती है। ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज (जीबीडी) के अनुसार, भारत पर स्ट्रोक की 68.6 फीसदी घटनाओं के साथ स्ट्रोक का बहुत ज्यादा बोझ है। देश में 70.9 फीसदी स्ट्रोक से मौत और 77.7 स्ट्रोक से विकलांगता होती है। ये आंकड़े हमारे देश के लिए चिंताजनक हैं। इसका कारण तेज रफ्तार लाइफ स्टाइल और उसके चलते पैदा होने वाला तनाव तथा अन्य कई परेशानियों से बचने के उपाय का अभाव बताया जाता है।
जब 28 साल के योगेश शर्मा लकवा ग्रस्त हो गए
28 साल के योगेश शर्मा गिरने के बाद बायी तरफ लकवा ग्रस्त हो गए थे। उनकी पत्नी ने मामले की गंभीरता को भांप कर उन्हें एक घंटे के अंदर अस्पताल में भर्ती कराया जहां उनके ब्रेन की एमआरआई से स्ट्रोक का पता चला। उन्हें भी तुरंत क्लॉट्स को घुलाने वाले इंजेक्शन दिए गए, जिनसे उनकी हालत में सुधार आया और धीरे-धीरे उनके बाएं पैर और हाथ में ताकत भी लौट आयी।
और 29 साल की अनन्या मंडल के शरीर का दांया भाग हुआ प्रभावित
29 साल की अनन्या मंडल है जिन्होंने अचानक महसूस किया कि वह अपने शरीर के दाएं भाग को हिला नहीं पा रही थी। उन्हें फोर्टिस अस्पताल नोएडा की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया जहां उनके ब्रेन की एमआरआई से स्ट्रोक का पता चला। उन्हें भी तुरंत क्लॉट बस्टर इंजेक्शन दिया गया। धीरे-धीरे उनकी हालत में काफी हद तक सुधार हुआ और अब वह अपने सभी काम स्वयं करने लगी हैं।
पैर हिलाने में 48 साल की सुचित्रा भौमिक को तकलीफ
48 साल की सुचित्रा भौमिक जिन्हें घर में काम करते हुए महसूस हुआ कि उनकी बायी बाजू और पैर हिलाने में उन्हें तकलीफ हो रही थी और धुंधला दिखने लगा था। उनके पति उन्हें तुरंत फोर्टिस हॉस्पीटल नोएडा इलाज के लिए ले गए जहां तत्काल ब्रेन एमआरआई किया गया जिससे उन्हें स्ट्रोक होने की पुष्टि हुई। उन्हें डॉक्टरों ने क्लॉट घुलाने वाली दवाएं दी और उपचार शुरू हुआ, जिसके बाद धीरे-धीरे स्वास्थ्य लाभ शुरू हुआ।
सिरदर्द और आंखों से धुंधला दिखा 25 साल की युवती को
25 साल की एक युवती का है जिन्हें तेज सिरदर्द और आंखों से धुंधला दिखाया देने की शिकायत के दो घंटे के भीतर अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती किया गया था। उनकी तत्काल जांच करने पर पाया गया कि उनका हीमोसिस्टिन लेवल काफी बढ़ गया था, जो कि स्ट्रोक के लिए कौलैस्टैरौल की तरह ही रिस्क फैक्टर है। डॉक्टरों ने मरीज़ की जांच करने पर यह भी पता लगाया कि उन्हें ब्रेन स्ट्रोक हुआ था। इलाज के दौरान उन्हें खून के थक्कों (क्लॉट्स) को घुलाने में मददगार इंजेक्शन दिए गए जिसके बाद उनकी हालत में तत्काल सुधार हुआ।
एक्यूट स्ट्रोक एक इमरजेंसी वाली स्थिति
डॉ ज्योति बाला शर्मा, डायरेक्टर, न्यूरोलॉजी, फोर्टिस हॉस्पीटल नोएडा ने बताया कि “एक्यूट स्ट्रोक एक इमरजेंसी वाली स्थिति है और अगर किसी को भी अचानक बाजुओं, पैरों, चेहरे में कमजोरी महसूस हो या बोलने में परेशानी हो तो उन्हें (फेशियल ड्रूपिंग यानी चेहरा लटकना, बाजू में कमजोरी, बोलने में कठिनाई, समय पर इलाज) के अनुरूप, लक्षणों के दिखायी देने के 4.5 घंटों के भीतर अस्पताल ले जाना चाहिए।
अगर मरीज को इस गोल्डन पीरियड में अस्पताल पहुंचा दिया जाए, उन्हें क्लॉट घुलाने वाले इंजेक्शन दिए जाएं तो उनकी शारीरिक कमजोरी में तत्काल सुधार दिखायी देता है और इसकी वजह से और जटिलताएं भी कम होने लगती हैं। बदलती जीवनशैली और शारीरिक व्यायाम रहित आदतों के चलते, युवाओं में डायबिटीज़ और हाइपरटेंशन जैसे रोग बढ़ रहे हैं, इनकी वजह से भी स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।
तीन कारणों से बचें और अपनाए ये आदत
Fortis Hospital: लाइफ स्टाइल में बदलाव यानी व्यायाम रहित जीवन, खानपान की अन हेल्दी आदतें और तनाव वास्तव में, स्ट्रोक के तीन प्रमुख कारण हैं। हर दिन 20 से 30 मिनट व्यायाम करें। फास्ट फूड से बचें और मीठे पेय पदार्थों का सेवन करने से बचें। जहां तक संभव हो घर में पका हुआ सेहतमंद भोजन करें।
नशीले पदार्थों और शराब के सेवन से बचने पर भी आप स्ट्रोक की आशंका को काफी हद तक घटा सकते हो। तनाव घटाने के लिए मेडिटेशन और अन्य गतिविधियों जैसे कि योग आदि करें।