
इंफोपोस्ट डेस्क, नयी दिल्ली। Uttarakhand Tunnel Collapse :
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) ने उत्तराखंड में चारधाम महामार्ग परियोजना के हिस्से के रूप में राडी पास क्षेत्र के अंतर्गत गंगोत्री और यमुनोत्री आधार को जोड़ने के लिए सिल्क्यारा में 4.531 किमी लंबी दो लेन द्वि-दिशात्मक सुरंग का निर्माण शुरू किया है। मेसर्स राष्ट्रीय राजमार्ग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) इस परियोजना पर कार्य कर रही है।
12 नवंबर 2023 को सुबह 05.30 बजे लगभग 40 श्रमिक सुरंग के अंदर सिल्कयारा पोर्टल से 260 मीटर से 265 मीटर अंदर रिप्रोफाइलिंग का काम कर रहे थे, तभी सिल्कयारा पोर्टल से 205 मीटर से 260 मीटर की दूरी पर मिट्टी का धंसाव हुआ और ठेकेदार के सुरंग प्रविष्टि रजिस्टर के आधार पर सभी 40 श्रमिक अंदर फंस गए।
Uttarakhand Tunnel Collapse : घटना की सूचना तुरंत राज्य/केंद्र सरकार की सभी संबंधित एजेंसियों को दी गई और राज्य प्रशासन, एसडीआरएफ/एनडीआरएफ, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, राष्ट्रीय राजमार्ग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर विकास निगम लिमिटेड, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, सीमा सड़क संगठन और अन्य राज्य विभाग के समन्वित प्रयासों से उपलब्ध पाइपों के माध्यम से, सुरंग में फंसे हुए श्रमिकों को ऑक्सीजन/पानी/बिजली/छोटे पैक भोजन की आपूर्ति के साथ बचाव कार्य शुरू किया गया। फंसे हुए श्रमिकों से वॉकी टॉकी के माध्यम से भी संचार स्थापित किया गया है। श्रमिकों को शीघ्र निकालने/बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय किए गए हैं।
ध्वस्त सुरंग के 40 मीटर हिस्से के लिए शॉटक्रेटिंग के साथ खुदाई शुरू हो गई है।
अतिरिक्त शॉटक्रीट मशीन को आरवीएनएल से कार्य स्थल पर स्थानांतरित किया गया।
परियोजना प्राधिकरण के भू-तकनीकी विशेषज्ञ इंजीनियर, परियोजना ठेकेदार मेसर्स नवयुग, आरवीएनएल के भूवैज्ञानिक विशेषज्ञ, एनएचआईडीसीएल के निदेशक (ए एंड एफ)/निदेशक (टी)/कार्यकारी निदेशक (पी), सीजीएम एनएचएआई, जिला कलेक्टर और एसपी एसडीआरएफ पहुंचे और घटना का निरीक्षण किया और बचाव कार्य की बारीकी से निगरानी की।
विशेषज्ञों के बीच चर्चा और घटनास्थल के निरीक्षण के बाद राहत कार्य तेजी से जारी है।
Uttarakhand Tunnel Collapse : शॉटक्रेटिंग के साथ-साथ गीली मिट्टी को हटाने का काम जारी रहा – 21 मीटर मिट्टी को हटाया गया। हालाँकि, मामूली मलबा गिरने से खुदाई 14 मीटर तक कम हो जाती है।
अंदर फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए हाइड्रोलिक जैक की मदद से 900 मिमी व्यास वाले एमएस स्टील पाइप को धकेला गया – श्रमिकों, राहत कार्य में लगने वाली सामग्री और मशीनरी की उपलब्धता की पहचान की गई और सिंचाई विभाग के विशेषज्ञों सहित इसे साथ आज शाम तक जुटाया गया।
फंसे हुए श्रमिकों को जल्द से जल्द निकालने के लिए सभी समन्वित प्रयास किए जा रहे हैं।